हृदय घात के लिए नमक कम खाएं तो ज्यादा पसीना बहाए | heart attack
वेद केयर :-
सर्दी में हृदय को रक्त संचार के लिए दबाव बढ़ जाता है तापमान कम होने से नसें सिकुड़ती है और रक्त गाढ़ा होने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है|
दिल के रोगियों के लिए सर्दियो में शरीर से पसीना ना निकालने से हार्ट एनजाइना (हृदय की मांसपेशियों में कम रक्त प्रवाह से छाती का दर्द ) व ब्लड प्रेशर के मरीजों को दवा की मात्रा में बदलाव जरूरी होता है, सर्दियों में तापमान कम होने से रक्त नलिकाएं शंकरी हो जाती है रक्त संचरण के लिए हार्ट पर दबाव बढ़ जाता है, इसलिए ब्लड प्रेशर बढ़ता है सुबह रक्तचाप में बदलाव हृदयाघात व कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है |
शरीर में पानी की कमी हार्ट अटैक का कारण बनती है, कृत्रिम हार्ट वोल्व व एन्जियोप्लास्टी करने वाले मरीजों के शरीर में स्टेंट लगा होता है,पानी की कमी के चलते रक्त गाढ़ा होने लगता है| वह हृदय के स्नायुयो से चिपकने लगता है, जिससे सटेन्ट अवरूद्ध हो जाता है
इसलिए अलसुबह आर्ट अटैक ज्यादा :-
>बीपी की दवा का असर अल सुबह तक खत्म |>हार्मोनल बदलाव बीपी सर्ज यानी अलसुबह ब्लड प्रेशर का दबाव तेजी से बढ़ना भी कारण है
>बीपी के मरीजों में सिर्फ एक बार दवा लेने के कारण सर्दी में दिक्कत ज्यादा बढ़ती है|
जीवनशैली खानपान में सुधार:-
-नियमित वर्क , ब्रिस्क वोक, रनिन्ग, योग, व्यायाम करे जब -तक कि खुब पसिना ना आये |- बीपी की जांच के अलावा जरूरी है कि समय - समय पर एंबुलेटरी टेस्ट (24 घंटे) कराएं |
खानपान में नमक कम लें और पानी ज्यादा पिएं
-ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखें पौष्टिक और संतुलित खानपान रखें सर्दियों में जरूरत के अनुसार पानी पिए

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